अनायास जब तेरा चेहरा ख्यालों में आता है
मुस्कान की झलक यूँ मेरे सायों में आता है
कि ना छलके तेरी आँखों से जफ़ाओं का काजल
मेरी यादें भी ख्यालों को छोड़ जाता है
वो दिन कुछ और थे जब तू मेरी जूनून थी
काँटों भरी राहों में बस तू ही इक सुकून थी
छन भर कि लालसा से नेह जोड़ बैठा था मै
गजदंत कि सच्चाई से मेरी आँखे भी महरूम थी
थी शोर मेरे अन्दर जो कहीं और ढूंढ़ रहा था मै
हुई पहचान खुद से जब चाह ढूंढ़ रहा था मै
पर अब वो चाह भी मेरा साथ छोड़ जाता है
अनायास जब तेरा चेहरा ख्यालों में आता है
Written By:-
Chandan Kumar Gupta
मुस्कान की झलक यूँ मेरे सायों में आता है
कि ना छलके तेरी आँखों से जफ़ाओं का काजल
मेरी यादें भी ख्यालों को छोड़ जाता है
वो दिन कुछ और थे जब तू मेरी जूनून थी
काँटों भरी राहों में बस तू ही इक सुकून थी
छन भर कि लालसा से नेह जोड़ बैठा था मै
गजदंत कि सच्चाई से मेरी आँखे भी महरूम थी
थी शोर मेरे अन्दर जो कहीं और ढूंढ़ रहा था मै
हुई पहचान खुद से जब चाह ढूंढ़ रहा था मै
पर अब वो चाह भी मेरा साथ छोड़ जाता है
अनायास जब तेरा चेहरा ख्यालों में आता है
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Chandan Kumar Gupta

 
 
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