आओ ना

क्यों हो इतने दूर पास मेरे तुम आओ ना
जान है जब एक जिस्म भी कर जाओ ना
दूरियां मिटा दो सारे अब और तडपाओ ना
क्यों हो इतने दूर पास मेरे तुम आओ ना
खामोश हो क्यों कुछ तो बोल जाओ ना
मन में कुछ दुविधाएँ है आके तुम सुलझाओ ना
डर लगता है तन्हाई से यूँ फासले बढाओ ना
क्यों हो इतने दूर पास मेरे तुम आओ ना
राहें जो सुनी पड़ी है आके तुम सजाओ ना
महक जो फीकी पड़ी है आके तुम महकाओ ना
रात काली बहुत घनी है यूँ जुल्फें बिखराओ ना
क्यों हो इतने दूर पास मेरे तुम आओ ना
ख्वाब जो मिलन की है कभी तो सच कर जाओ ना
प्यार हमेशा बनी रहे वादे जो किये निभाओ ना
जाना हमे बहुत दूर है यूँ कदम डगमगाओ ना
क्यों हो इतने दूर पास मेरे तुम आओ ना
जान है जब एक जिस्म भी कर जाओ ना
क्यों हो इतने दूर पास मेरे तुम आओ ना
Written By:-
Chandan

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