अरमान मिलन के दबें है मन में,
साथ इसे ले कुछ कर जाऊँगा
दूर बहुत तुमसे जाकर मैं,
लौट कभी ना वापस आऊंगा...
तू मुझ बिन मैं तुम बिन,
जैसे है चाँद चकोरी के बिन
इस जहाँ के रीत निभाते,
चाह में तेरी मिट जाऊँगा...
दूर बहुत तुमसे जाकर मैं,
लौट कभी ना वापस आऊंगा...
साथ इसे ले कुछ कर जाऊँगा
दूर बहुत तुमसे जाकर मैं,
लौट कभी ना वापस आऊंगा...
तू मुझ बिन मैं तुम बिन,
जैसे है चाँद चकोरी के बिन
इस जहाँ के रीत निभाते,
चाह में तेरी मिट जाऊँगा...
दूर बहुत तुमसे जाकर मैं,
लौट कभी ना वापस आऊंगा...
होंगें ऐब लाखों मुझमे,
प्यार कभी भी ना कम होगा
साथ चले गर चार कदम तू,
खामियां भी दफना जाऊँगा...
अरमान तुम्हारे होंगे दुल्हन से,
मनिहार सा सजा जाऊँगा
पर बैर न रखना मुझसे प्रिये तुम,
तारों सा ओझल हो जाऊँगा...
दूर बहुत तुमसे जाकर मैं,
लौट कभी ना वापस आऊंगा...
निश्चित काल में चाँद को देखना,
थकते दम तक जुड़ों का बदलना
अधसोई अधजगी पलकों पर,
याद तुम्हे मैं दिला जाऊँगा...
दूर बहुत तुमसे जाकर मैं
लौट कभी ना वापस आऊंगा...
♥ चन्दन Chandan چاندن ♥
प्यार कभी भी ना कम होगा
साथ चले गर चार कदम तू,
खामियां भी दफना जाऊँगा...
अरमान तुम्हारे होंगे दुल्हन से,
मनिहार सा सजा जाऊँगा
पर बैर न रखना मुझसे प्रिये तुम,
तारों सा ओझल हो जाऊँगा...
दूर बहुत तुमसे जाकर मैं,
लौट कभी ना वापस आऊंगा...
निश्चित काल में चाँद को देखना,
थकते दम तक जुड़ों का बदलना
अधसोई अधजगी पलकों पर,
याद तुम्हे मैं दिला जाऊँगा...
दूर बहुत तुमसे जाकर मैं
लौट कभी ना वापस आऊंगा...
♥ चन्दन Chandan چاندن ♥
No comments:
Post a Comment