इश्क है! हो जाने दो

शाम को ढल जाने दो
सूरज निकल जाने दो
जो सदियों में न हुआ
इक पल में हो जाने दो
बाँहों में बैठो
इश्क को संवर जाने दो
रोग इश्क का है ये
लाइलाज ही सही लग जाने दो
कुचे में न देखो
कि लोगों को गुजर जाने दो
सिलसिला चाहतों का है ये
होठों तक खबर जाने दो
सूरज घबरा जायेगा
कि इश्क की लहर जाने दो
चाँद शरमा जायेगा
कि नूर बिखर जाने दो
मशरूफ ज़माने को छोडो
खुदा तक अदब जाने दो
बुरा हो या हो भला
इश्क है हो जाने दो
Written By-
Chandan

तेरे प्यार में

निःशब्द हो गए लफ्ज़ सारे तेरे इंतजार में
एहसास सारा खो चूका हूँ मैं तो तेरे प्यार में
भावनाओ को व्यक्त करना चाहता हूँ बेशक मगर
अश्क रेगिस्तान हो चुकी है तेरे इंतजार में
क्यों हूँ लालायित पाने को तुझको पूछता हूँ खुद से मैं
जल-बुझ जाऊं ऐसी भी क्या नूर होगी तेरे दीदार में
जवाब भी क्या सुन सकूँगा हामी की इंकार में
अधजगा हूँ अधसोया हूँ प्रिये तेरे प्यार में
आस कभी घटती नहीं बादल हिज्र के छटती नहीं
आलम कुछ ऐसा ही है जैसे चन्दन संसार में
दिल से कहा यूँ ना बैठ लेकर पहलु में उसे
ये दिल भी दगाबाज़ निकला आज तेरे प्यार में
निःशब्द हो गए लफ्ज़ सारे तेरे इंतजार में
अहसास सारा खो चूका हूँ मैं तो तेरे प्यार में...
Written By:-
Chandan