मझधार

ज़िन्दगी दो या मौत दे दो!
घुटन हमसे सहा नहीं जाता!!
आ जाओ या चले जाओ!
इंतज़ार अब किया नहीं जाता!!
ख्वाब दो या हक़ीक़त दो!
दिलासा दिल को दिया नहीं जाता!!
हाँ कहो या ना कहो!
"पता नहीं" अब सुना नहीं जाता!!
इश्क़ हो या फिर न हो!
दिल गैरों को गिरवी दिया नहीं जाता!!
तुम रहो या कहानी रहे!
यादों का बोझ ढोया नहीं जाता!!
तनहा रहूँ या साथ रहूँ!
दुरी अब हमसे सहा नहीं जाता!!
हार मानूँ या जीत लूँ!
सिक्का हमसे उछाला नहीं जाता!!
आर रहूँ या पार रहूँ!
मझधार मगर रहा नहीं जाता!!
अच्छा बनूँ या बुरा बनूँ!
दो चेहरा हमसे रखा नहीं जाता!!
आग लूँ या बैराग लूँ!
"चन्दन" अब हमसे घिसा नहीं जाता!!

सप्रेम लेखन : चन्दन Chandan چاندن