जिन्दगी थमी नहीं है उसके जाने से
कुछ बदला नहीं उसके बदल जाने से
लोग वही हैं जमाना और दस्तूर वही है
कोई खुश कोई नाराज आज भी है ज़माने से
जिन्दगी थमी नहीं है उसके जाने से
तनाव वही है, आकर्षण का खिंचाव वही है
जलन होती है आज भी गैरों के पाने से
तुम न मानोगे कभी ए मेरे हमदम
पर रिश्ते बदलते नहीं औरों के आने से
जिन्दगी थमी नहीं है उसके जाने से
सितम भी कायम है रहम भी कायम है
जलन होती है आज भी गैरों के पाने से
तुम न मानोगे कभी ए मेरे हमदम
पर रिश्ते बदलते नहीं औरों के आने से
जिन्दगी थमी नहीं है उसके जाने से
सितम भी कायम है रहम भी कायम है
आलोचकों के अंदाज भी बदले नहीं ज़माने से
कभी आओ मेरे कुचे में तो दिखाऊं तुम्हे
सांस छुटी न अबतक सच को दबाने से
जिन्दगी थमी नहीं है उसके जाने से