कैसे बताऊँ तुम्हे कितना याद करता हूँ
उड़ेलता नहीं बस दिल में दबाये रखता हूँ
तुम भी तो नाम लिखकर मेरा मुझे याद करती होगी
जुड़ते ही मेरा नाम रकीब से तपिश-ए-दिल होती होगी
रातों को आँखे खोलकर तस्सवुर मेरी ही करती होगी
दिन को, मेरी इक नज़र के लिए, सजावटे-जामल करती होगी
मै तो नविस्तो-ख्वांद छोड़कर तेरी आवाज को तड़पता हूँ
न पाऊं गर तेरी आवाज अतीत की याद में खो जाता हूँ
याद तो अतीत की तुम्हे भी आती होगी
आज भी मेरे नज़्म तेरे दिल को छू जाती होगी
छेड़कर तेरे मन की तार को तुझे खूब सताती होगी
फिर सुनने को आवाज मेरी तड़प तुम भी तो जाती होगी
मैं तो हर आहट में तेरे आने की उम्मीद करता हूँ
तुम तो नहीं आती फिर भी तेरा एतिकाद करता हूँ
कैसे बताऊँ तुम्हे कितना याद करता हूँ...
Written By:-
Chandan Kumar Gupta
उड़ेलता नहीं बस दिल में दबाये रखता हूँ
तुम भी तो नाम लिखकर मेरा मुझे याद करती होगी
जुड़ते ही मेरा नाम रकीब से तपिश-ए-दिल होती होगी
रातों को आँखे खोलकर तस्सवुर मेरी ही करती होगी
दिन को, मेरी इक नज़र के लिए, सजावटे-जामल करती होगी
मै तो नविस्तो-ख्वांद छोड़कर तेरी आवाज को तड़पता हूँ
न पाऊं गर तेरी आवाज अतीत की याद में खो जाता हूँ
याद तो अतीत की तुम्हे भी आती होगी
आज भी मेरे नज़्म तेरे दिल को छू जाती होगी
छेड़कर तेरे मन की तार को तुझे खूब सताती होगी
फिर सुनने को आवाज मेरी तड़प तुम भी तो जाती होगी
मैं तो हर आहट में तेरे आने की उम्मीद करता हूँ
तुम तो नहीं आती फिर भी तेरा एतिकाद करता हूँ
कैसे बताऊँ तुम्हे कितना याद करता हूँ...
Written By:-
Chandan Kumar Gupta